Dwadasa Jyotirlingani - In sanskrit -Hindi with meaning || Dwadasa Jyotirlingani
Dwadasa Jyotirlingani - In sanskrit -Hindi with meaning
Sanskrit -Hindi with meaning |
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम् ।
उज्जयिन्यां महाकालं_ॐकारममलेश्वरम् ॥१॥
सौराष्ट्र {काठियावाड़} में श्री सोमनाथ, श्रीशैल पर श्री मल्लिकार्जुन,उज्जयिनी में श्री महाकाल, ओंकारेश्वर अमलेश्वर {अमरेश्वर}
परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमाशंकरम् ।
सेतुबंधे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥२॥
परली में वैद्यनाथ, डाकिनी नामक स्थान में श्रीभीमशंकर,सेतुबंध पर श्री रामेश्वर, दारुकावन में श्रीनागेश्वर
वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यंबकं गौतमीतटे ।
हिमालये तु केदारं घुश्मेशं च शिवालये ॥३॥
वाराणसी में श्री विश्वनाथ, गौतमी {गोदावरी} के तट पर श्री त्र्यम्बकेश्वर,हिमालय में श्रीकेदारनाथ और शिवालय में श्री घृष्णेश्वर, को स्मरण करें।
एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रातः पठेन्नरः ।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति ॥४॥
जो मनुष्य प्रतिदिन प्रातःकाल और संध्या समय इन बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम लेता है,उसके सात जन्मों के पाप इन लिंगों के स्मरण-मात्र से मिट जाते है।
12 Jyotirlinga Darshan
This Video Link Copy From Youtube
Dhvadas Jyortilingani with lyrics
This Video Link Copy From Youtube
COMMENTS